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झुंझुनूं जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाह रोकथाम के लिए कार्यरत संगठन राजस्थान महिला कल्याण मण्डल, चाचियावास द्वारा बाल विवाहों की रोकथाम के लिए अब धर्मगुरुओं के बीच भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

झुंझुनूं जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाह रोकथाम के लिए कार्यरत संगठन राजस्थान महिला कल्याण मण्डल, चाचियावास द्वारा बाल विवाहों की रोकथाम के लिए अब धर्मगुरुओं के बीच भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

 झुंझुनू(चंद्रकांत बंका) दौरान महिला कल्याण मंडल झुंझुनूं की काउंसलर चेतना शर्मा ने बताया कि बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पंडितों, काजी-मौलवियों के बीच चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को व्यापक सफलता मिली है और सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है। संगठन ने कहा कि यह देखते हुए कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकता, इसलिए हमने उन्हें बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया। जिले के मंदिरों-मस्जिदों के आगे ऐसे बोर्ड लगाए जा रहे जिन पर स्पष्ट लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर रहे 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है। सहयोगी संगठन के रूप में राजस्थान महिला कल्याण मण्डल ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर अकेले 2023-24 में ही झुंझुनू जिले मे 432 बाल विवाह रुकवाए हैं। यह संगठन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए समग्र रणनीति पर अमल कर रहा है

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